चरित्र एक वृक्ष है, और प्रतिष्ठा, यश, सम्मान उसकी छाया..! लेकिन विडंबना यह है कि वृक्ष का ध्यान बहुत कम लोग रखते हैं, और छाया सबको चाहिए.!!
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